लगभग 150 साल पहले मोरबी के राजा सर वाघजी ठाकोर ने सस्पेंशन ब्रिज का निर्माण कराया था। उस समय इसे “कलात्मक और तकनीकी चमत्कार” बताया गया।
इस पुल का उद्घाटन 20 फ़रवरी 1879 को मुंबई के तत्कालीन गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। निर्माण सामग्री इंग्लैंड से आई थी और तब इसकी लागत 3.5 लाख रूपये थी।
इस पुल के निर्माण में सर वाघजी ठाकरे पर औपनिवेशिक काल के स्थापत्य का प्रभाव था। ठाकोर ने 1922 तक मोरबी पर शासन किया।
माच्छू नदी पर बना पुल 30 अक्टूबर को गिर गया और अब तक 141 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
सस्पेंशन ब्रिज 1.25 मीटर चौड़ा और 233 मीटर लंबा था। ये ब्रिज दरबारगढ़ पैलेस और शाही निवास नज़रबाग पैलेस को भी जोड़ता था।
मरने वाले 141 लोगों में 47 बच्चे, सबसे छोटा 2 साल का, त्रासदी में एक ही परिवार ने खोए सात लोग
मोरबी में माछू नदी पर बने केबल पुल पर भार क्षमता से अधिक लोगों की भीड़ थी। जिसके चलते यह हादसा हुआ। इस पुल को सात महीने से मरम्मत के लिए बंद किया गया था।
ओरेवा कंपनी के मैनेजर के अलावा उसके भाई, पुल पर मरम्मत करने वाली टीम के सदस्य, पुल पर लगे तीन सिक्योरिटी गार्ड और टिकट कलेक्टर को गिरफ्तार किया गया।
गुजरात के मोरबी में हुए हादसे पर सऊदी अरब ने भी शोक जताया। सऊदी के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह हादसा दुर्भाग्यपूर्ण है। बता दें कि इस हादसे में 132 लोगों की मौत हुई है।
गुजरात के मोरबी में हुए हादसे के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक नवंबर को मोरबी जाएंगे। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी घटनास्थल का जायजा लेंगे।