दोस्तों पिछले साल केंद्र सरकार ने पेट्रोल, डीजल, क्रूड आयल और एयर टरबाइन फ्यूल (ATF) पर विंडफॉल टैक्स बढ़ाने की घोसना की थी। जिसे लेकर काफी अफरा-तफरी मची हुई थी। आपके और मेरे जैसी आम जनता काफी परेशान थी। ये सोचकर की कहीं विंडफॉल टैक्स बढ़ने से पेट्रोल और डीजल के दाम फिर से बढ़ तो नहीं जायेंगे।
तो चलिए आज हम इस लेख में विंडफॉल टैक्स को लेकर आपके सारे सवालों के जवाब देने की कोशिश करते हैं। जैसे विंडफॉल टैक्स क्या है? इस टैक्स का आम जनता पर क्या असर पड़ेगा? विंडफॉल टैक्स क्यों लगाया जाता है?
विंडफॉल टैक्स क्या होता है What Is Windfall Tax
दरअसल विंडफॉल टैक्स उन कंपनियों या इंडस्ट्रीज पर लगाया जाता है जिन्हें किसी विशेष कारणों से आकस्मिक लाभ होता है। दरअसल जब किसी विशिष्ट उद्योग से जुड़े कंपनीयों को किसी भी प्रकार का अप्रत्यक्ष लाभ होता है। तो उस देश की सरकार जहाँ वो कंपनी अपना व्यापर कर रही है। उस अतिरिक्त लाभ पर टैक्स लगाती है। इस बढ़े हुए प्रॉफिट पर लगाए गए टैक्स को ही विंडफॉल टैक्स कहा जाता है।
यह टैक्स उन कंपनीज पर तभी लगाया जाता है। जब अचानक किसी वैश्विक गतिविधि के चलते किसी विशेष उत्पाद के उत्पादन में कमी आ जाती है और उस उत्पाद की मांग बढ़ जाती है। मांग बढ़ने के कारण उस उत्पाद की कीमत भी बढ़ जाती है। तो उस बढ़े हुए कीमत से हुए लाभ को ही अप्रत्यक्ष लाभ कहते हैं। जिस पर विंडफॉल टैक्स लगाया जाता है। मतलब बिना किसी अतिरिक्त मेहनत के किसी भी कंपनी को अतिरिक्त लाभ होने लगे तो सरकार उस कंपनी पर ये टैक्स लगाती है।
बिना किसी मेहनत के होने वाले अप्रत्याशित लाभ पर लगने वाला टैक्स विंडफॉल टैक्स कहलाता है। अब आपलोग ये सोच रहे होंगे की ऐसा कौन सा बिज़नेस है जिसमे बिना मेहनत के अतिरिक्त मुनाफा हो।
विंडफॉल टैक्स के कुछ उदाहरण What Are Some Examples Of Windfall
दोस्तों चलिए इसे एक उदाहरण से समझते हैं। पिछले साल फरवरी के महीने में रूस और उक्रेन के बिच युद्ध शुरू हो गया। युद्ध के बाद कई सारे देशों ने रूस पर प्रतिबन्ध लगा दिया था। जिसके बाद कच्चे तेल की कीमत में अप्रत्याशित उछाल आ गया। आपको बता दें की अमेरिका और सऊदी अरब के बाद रूस सबसे ज्यादा तेल उत्पादक देश है। रूस पर प्रतिबंध लगने का असर ये हुआ की 7 मार्च 2022 को एक बैरल क्रूड ऑयल की कीमत अपने 14 साल के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 139 डॉलर तक पहुँच गई।
दूसरी तरफ रूस पे प्रतिबंध लगने के कारण रूस से तेल लेने वाले खरीदार कम हो गए। इसका फायदा उठाया भारत ने। क्यूंकि हम सभी को पता है की रूस, भारत का बहुत अच्छा मित्र है। जिसके कारण रूस हमें मार्केट रेट से सस्ते दाम पर कच्चा तेल देने लगा। अमेरिका और चीन के बाद भारत ही सबसे बड़ा तेल का खरीदार है। दुनिया का तीसरा देश भारत ही है जो कच्चे तेल का सबसे बड़ा खरीदार है।
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समय का फायदा उठाते हुए भारत ने रूस से बड़ी मात्रा में कच्चा तेल खरीदना शुरू कर दिया। भारत, रूस से कच्चा तेल खरीदने वाला सबसे बड़ा देश बन गया। इससे पहले भारत अपनी कुल खरीद का 0.2% हिस्सा ही रूस से खरीदता था। लेकिन अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स में छपी एक खबर के मुताबिक नवंबर 2022 में भारत ने अपनी कुल खरीद का 23% हिस्सा रूस से खरीदा।
भारत जितनी मात्रा में क्रूड आयल खरीद रहा था, उस अनुपात में तेल की खपत भारत में नहीं है। तो भारत ने अतिरिक्त कच्चे तेल को रिफाइन करके पक्का तेल मतलब एयर टरबाइन फ्यूल, पेट्रोल और डीजल बनाया और दूसरे देशों को निर्यात करना शुरू कर दिया।
दोस्तों युद्ध के कारण विदेशों में तेल महंगे मिल रहे थे। दूसरी तरफ भारत को रूस से सस्ता तेल मिल रहा था। भारत से बाहर तेल की कीमतें महंगी थी। इस वजह से भारतीय तेल कंपनियों को बहुत ज्यादा फायदा मिल रहा था।
भारत के प्रमुख ऑयल रिफायनिंग और ऑयल एक्सपोर्ट्स कंपनी
- भारतीय तेल कंपनियां जैसे
- रिलायंस इंडस्ट्रीज
- हिंदुस्तान ऑयल एक्सप्लोरेशन
- ONGC
- भारत पेट्रोलियम
- हिंदुस्तान पेट्रोलियम
ये कुछ कंपनीयां हैं जो ऑयल रिफायनिंग और ऑयल एक्सपोर्ट्स के बिज़नेस में शामिल हैं। सस्ता कच्चा तेल मिलने से इनकी कॉस्ट कम हो जाती है। पर तेल की कीमत अचानक बढ़ जाने से इनका मुनाफा कई गुणा बढ़ जाता है।
इसी कारण 1 जुलाई 2022 को इन तेल कंपनीज पर विंडफॉल टैक्स लगाया गया। भारत से रिफाइंड होकर जो पेट्रोल, डीजल और एयर टरबाइन फ्यूल जिसे एटीएफ भी कहा जाता है, जिसका इस्तेमाल एविएशन इंडस्ट्री में हवाई जहाज को उड़ाने में किया जाता है पर ये टैक्स लगाया जाता है।
भारत सरकार ने देखा की अभी तेल कंपनीयों को इस क्रूड ऑयल के प्राइस में आये उछाल का बहुत बड़ा लाभ मिल रहा है। उस बढ़े हुए लाभ का कुछ हिस्सा सरकार अपने राजस्व में जोड़ना चाहती थी। जिस कारण से सरकार ने ये टैक्स लगाया जिसको हम विंडफॉल टैक्स के नाम से जानते हैं।
भारत में पहली बार विंडफॉल टैक्स कब लगाया गया When Was Windfall Tax Introduced
1 जुलाई 2022 को सरकार ने पहली बार विंडफॉल टैक्स लगाने का फैसला किया था। सरकार ने पेट्रोल और एयर टरबाइन फ्यूल पर 6 रुपये प्रति लीटर डीजल पर 13 रुपए प्रति लीटर और क्रूड ऑयल पर 23,250 रुपये प्रति टन के हिसाब से टैक्स लगाने की घोषणा की थी। भारत सरकार हर 15 दिन में विंडफॉल टैक्स की समीक्षा करती है, और इसे घटाती या बढ़ाती है।
विंडफॉल टैक्स की शुरुआत कहाँ से हुई History Of Windfall Tax
दोस्तों अब आप ये सोच रहे होंगे की ये विंडफॉल टैक्स सिस्टम शुरू कहां से हुआ। इसके इतिहास को देखें तो तो यह साल 1980 में भी पहली बार सुनने में आया था। जब अमेरिका के तत्कालीन प्रेसिडेंट जिमी कार्टर ने फ्यूल पर ये टैक्स लगाया था। उसके बाद साल 1981 में मारग्रेट थैचर ने जो की UK की तत्कालीन प्रधानमंत्री थी, उन्होंने UK में ये टैक्स लगाया था। इसके बाद 1998 में ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने इस टैक्स को एक कॉमनवेल्थ टैक्स प्रोटेक्शन एक्ट के रूप लगाया। इसके अलावा और भी कई देशों ने इस टैक्स को अपने यहाँ लागू किया। इस तरह से हम कह सकते हैं की विंडफॉल टैक्स सिर्फ भारत में ही लगने वाला टैक्स नहीं है।
ऐसा नहीं है की विंडफॉल टैक्स सिर्फ ऑयल सेक्टर पर ही लगाया जाता है। ये टैक्स ऑयल सेक्टर के अलावा एनर्जी सेक्टर पर भी लगाया जाता है। क्योंकि एनर्जी सेक्टर में भी अप्रत्याशित उतार चढ़ाव होता रहता है।
विंडफॉल टैक्स का आम जनता पर क्या असर होगा How Does Windfall Tax Impact Society
अब आपलोगों के दिमाग में सबसे बड़ा सवाल ये आ रहा होगा की हमारे और आपके जैसे आम नागरीक के ऊपर इस टैक्स का क्या असर पड़ेगा। आप सोच रहे होंगे की हमारे द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला पेट्रोल, डीजल और LPG भी महंगा हो जायेगा। पर ऐसा नहीं है ये। दोस्तों विंडफॉल टैक्स आम जनता के ऊपर नहीं लगाया जाता है। ये टैक्स सिर्फ उन कंपनीज पर लगाया जाता है। जो कंपनीज भारत से पेट्रोल, डीजल और एयर टरबाइन फ्यूल जिसको एटीएफ भी कहा जाता है, को विदेशों में एक्सपोर्ट करती है।
साधारण भाषा में कहे तो वो क्रूड ऑयल जिसे भारत में रिफाइंड करके पेट्रोल, डीजल और एयर टरबाइन फ्यूल के रूप में बाहर एक्सपोर्ट किया जाता है। उन कंपनीज के लाभ के ऊपर ये टैक्स लगाया जाता है। इस टैक्स का आम जनता से कोई मतलब नहीं है।
विंडफॉल टैक्स से क्या फायदा है What Is A Windfall Benefit
ये टैक्स उन कंपनीज के अतिरिक्त लाभ के ऊपर लगाया जाता है। ताकि उस लाभ का एक हिस्सा सरकार के राजस्व में टैक्स के रूप में जमा हो। इस टैक्स से उन कंपनीज के नॉर्मल ऑपरेशन से कोई लेना देना नहीं है। मतलब जो पेट्रोल और डीजल हम और आप इस्तेमाल करते हैं उसका इस टैक्स से कोई लेना-देना नहीं है। ये दोनो बिल्कुल अलग एक्टिविटीज है। इस टैक्स से सरकार के राजस्व में वृद्धि होती है।
विंडफॉल टैक्स पर विवाद क्यों है What Is The Argument Against Windfall Tax
विंडफॉल टैक्स एक अनिश्चित और अस्थिर टैक्स है। दरअसल सरकार द्वारा कंपनीज को यह पहले से नहीं बताया जाता है की ये टैक्स कब लगाया जायेगा और कितना लगाया जाएगा। जिसके कारण भविष्य में ऐसे बिज़नेस जिनपर विंडफॉल टैक्स लगने की संभावना हो। इस तरह की उद्योगों में इन्वेस्टर्स कम रुचि लेंगे। दूसरा कारण है विंडफॉल टैक्स का अनपेक्षित होना। मतलब सरकार द्वारा इस टैक्स को कभी भी बिना किसी नोटिफिकेशन के लगाया जा सकता है। जिसके कारण कभी-कभी कंपनीज को काफी नुकसान उठाना पड़ता है।
What Are The Advantages And Disadvantages Of Windfall Tax
इस तरह के टैक्सों पर राजनीतिक प्रभाव भी रहता है। इसका कारण है विंडफॉल टैक्स में यह निश्चित नहीं होता की ये कितने प्रॉफिट पर लगाया जाएगा या किस दर्जे की कंपनी पर लगाया जाएगा। अक्सर ये भी देखा गया है की कंपनियां इस प्रकार के टैक्सों का भुगतान नहीं करती है। इन्ही कारणों से विंडफॉल टैक्स हमेशा विवादों में रहती है। पिछले साल देश की सबसे बड़ी गैस और तेल उत्पादक कंपनी ओएनजीसी ने घरेलू स्तर पर उत्पादित क्रूड आयल पर लगाए गए अप्रत्याशित टैक्स को खत्म करने का अनुरोध किया था।
तो दोस्तों ये थी विंडफॉल टैक्स के बारे में जानकारी। दोस्तों उम्मीद करता हूँ की आपको हमारी ये ब्लॉग पसंद आई हो। यदि ऐसा है तो आप इस ब्लॉग के कमेंट सेक्शन में जाकर अपनी राय दें और अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।
Team DD
FAQ
Q- विंडफॉल टैक्स क्या होता है?
Ans- विंडफॉल टैक्स उन कंपनियों या इंडस्ट्रीज पर लगाया जाता है जिन्हें किसी विशेष कारणों से आकस्मिक लाभ होता है। दरअसल जब किसी विशिष्ट उद्योग से जुड़े कंपनीयों को किसी भी प्रकार का अप्रत्यक्ष लाभ होता है।
Q- विंडफॉल टैक्स के कुछ उदाहरण?
Ans- दोस्तों युद्ध के कारण विदेशों में तेल महंगे मिल रहे थे। दूसरी तरफ भारत को रूस से सस्ता तेल मिल रहा था। भारत से बाहर तेल की कीमतें महंगी थी। इस वजह से भारतीय तेल कंपनियों को बहुत ज्यादा फायदा मिल रहा था। उस बढ़े हुए लाभ का कुछ हिस्सा सरकार अपने राजस्व में जोड़ना चाहती थी। जिस कारण से सरकार ने ये टैक्स लगाया जिसको हम विंडफॉल टैक्स के नाम से जानते हैं।
Q- भारत के प्रमुख ऑयल रिफायनिंग और ऑयल एक्सपोर्ट्स कंपनी?
Ans- 1. भारतीय तेल कंपनियां जैसे
2. रिलायंस इंडस्ट्रीज
3. हिंदुस्तान ऑयल एक्सप्लोरेशन
4. ONGC
5. भारत पेट्रोलियम
6. हिंदुस्तान पेट्रोलियम
Q- भारत में पहली बार विंडफॉल टैक्स कब लगाया गया?
Ans- 1 जुलाई 2022 को सरकार ने पहली बार विंडफॉल टैक्स लगाने का फैसला किया था।
Q- विंडफॉल टैक्स की शुरुआत कहाँ से हुई?
Ans- यह साल 1980 में भी पहली बार सुनने में आया था। जब अमेरिका के तत्कालीन प्रेसिडेंट जिमी कार्टर ने फ्यूल पर ये टैक्स लगाया था।
Q- विंडफॉल टैक्स का आम जनता पर क्या असर होगा?
Ans- वो क्रूड ऑयल जिसे भारत में रिफाइंड करके पेट्रोल, डीजल और एयर टरबाइन फ्यूल के रूप में बाहर एक्सपोर्ट किया जाता है। उन कंपनीज के लाभ के ऊपर ये टैक्स लगाया जाता है। इस टैक्स का आम जनता से कोई मतलब नहीं है।
Q- विंडफॉल टैक्स से क्या फायदा है?
Ans- इस टैक्स से सरकार के राजस्व में वृद्धि होती है।
Q- विंडफॉल टैक्स पर विवाद क्यों है?
Ans- विंडफॉल टैक्स एक अनिश्चित और अस्थिर टैक्स है। दरअसल सरकार द्वारा कंपनीज को यह पहले से नहीं बताया जाता है की ये टैक्स कब लगाया जायेगा और कितना लगाया जाएगा। जिसके कारण कभी-कभी कंपनीज को काफी नुकसान उठाना पड़ता है।