चीन में कोरोना वायरस ने कोहराम मचाया हुआ है। चीन फिर से पूरी दुनिया को कोरोना की नई वेरिएंट तोहफे में देने को तैयार है। 

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भारत में पहली और दूसरी कोरोना लहर में जो हालात थे। वो यादें हमें अभी भी डरा देती हैं।

चीन में हालात ऐसे हैं की अकेले एक ही प्रांत जेहजीआंग में रोज 10 लाख से ज्यादा मरीज़ निकल रहे हैं। 

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ओमिक्रॉन BF.7 वैरिएंट

ब्लूमबर्ग न्यूज, सीएनएन, एपी, रॉयटर्स, एएफपी जैसी अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियां चीन में कोरोनावायरस संक्रमण की स्थिति भयावह होने का दावा कर रही हैं. अस्पतालों में शवों का अंबार लगा है.

महामारी विशेषज्ञों और डॉक्टरों ने चीन में 5 से 25 दिसंबर के बीच 10 करोड़ (100 मिलियन) लोगों के कोरोना संक्रमित होने और करीब 10 लाख (1 मिलियन) मौतें होने का अनुमान जाहिर किया है. 

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया ने शुक्रवार को 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ''कुल मिलाकर कोविड के मामलों में वृद्धि नहीं हुई है और भारत अभी ठीक स्थिति में है।

उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 के गंभीर मामले आने और मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की आशंका नहीं है, क्योंकि भारत में लोगों में 'हाइब्रिड प्रतिरक्षा' विकसित हो चुकी है।

डॉ. गुलेरिया ने कहा, ''मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए और लोगों के बीच हाइब्रिड प्रतिरक्षा की अच्छी-खासी दर होने के कारण लॉकडाउन की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है।''

भारत की 97 प्रतिशत पात्र आबादी ने कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक, जबकि 90 प्रतिशत ने दूसरी खुराक ले ली है।

इस बिच चीन का राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग asymptomatic यानी बिना लक्षणों वाले मरीज पर डाटा पहले ही देना बंद कर चुका था। 

अब चायना नेशनल हेल्थ कमीशन ने 25 दिसंबर को फैसला किया की अब वो रोजाना कोरोना केसेस की जानकारी भी नहीं देगा। 

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