चीन समेत पूरी दुनिया इस वक्त कोविड-19 संक्रमण के नए वैरिएंट के तेजी से बढ़ रहे मामले से परेशान है। भारत में भी इसके मामले सामने आ चुके हैं।
चीन में कैसे आई कोरोना की नई लहर?
चीन में बीते कुछ समय से जीरो कोविड पॉलिसी हटाने का पुरजोर विरोध किया जा रहा था. सरकार ने इन विरोधों को शांत कराने के लिए अचानक जीरो कोविड पॉलिसी हटा दी।
ओमिक्रॉन BF.7 वैरिएंट
चीन में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में ताजा उछाल कोविड-19 के ओमिक्रॉन वैरिएंट के BF.7 सब-वैरिएंट के कारण है।
क्या है BF.7 सब-वैरिएंट?BF.7 सब बैरिएंट भी BA.5.2.1.7 के जैसा ही है, जो Omicron वैरिएंट के सब वैरिएंट BA.5 की नई सब वैरिएंट है।
स्टडी में कहा गया है कि BF.7 सबसे लचीला सब-वैरिएंट नहीं है बल्कि स्टडी ने सूचना दी है कि BQ.1 नामक एक अन्य ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट में 10 गुना से अधिक उच्च न्यूट्रलाइजेशन प्रतिरोधी है।
किसी भी सब वैरिएंट में उच्च न्यूट्रलाइजेशन प्रतिरोध का मतलब है कि किसी आबादी में उस वैरिएंट के फैलने और अन्य वेरिएंट के रूप में उसके बदलने की आशंका ज्यादा है।
इससे संक्रमित एक शख्स कितने लोगों को संक्रमित कर सकता है?BF.7 की R0 वैल्यू 10 से 18.6 है. यानी इस वेरिएंट से संक्रमित एक व्यक्ति औसतन 10 से 18 लोगों को संक्रमित कर सकता है.
BF.7 वेरिएंट का पहला केस चीन के इनर मंगोलिया प्रांत में मिला था. अब तक ये वायरस भारत, अमेरिका, यूके, बेल्जियम, जर्मनी, फ्रांस, डेनमार्क समेत कई यूरोपीय देशों में फैल चुका है.
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कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट BF.7 के लक्षण जैसे बुखार आना, गले में खराश, खांसी और कफ निकलना. यह वेरिएंट इंसान के श्वसन तंत्र के ऊपरी हिस्से को प्रभावित करता है.
BF.7 वेरिएंट कोरोना के स्पाइक प्रोटीन में एक खास म्यूटेशन से बना है, जिसका नाम है R346T. इसी म्यूटेशन की वजह से इस वेरिएंट पर एंटीबॉडी का असर नहीं होता.